उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) ने देश के करोड़ों बुजुर्गों के जीवन के खालीपन को भरने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।

रतन टाटा ने शांतनु नायडू के एक ऐसे छोटे से स्‍टार्टअप में निवेश किया है, जो अकेलेपन का दर्द झेल रहे बुजुर्गों की मदद करता है।

इस नई स्टार्टअप कंपनी गुडफेलोज की स्थापना शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) ने की है। जो वरिष्ठ नागरिकों को सेवा के रूप में सहयोग प्रदान करेगा।

शांतनु नायडू, रतन टाटा के हाल ही में सहायक (Assistant) बने हैं और वो एक इंजीनियर, लेखक, उद्यमी और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है।  शांतनु 2014 से टाटा ग्रुप के साथ जुड़े हैं।

गुड़फेलो स्टार्टअप क्या है? गुडफेलो एक भारतीय स्टार्ट-अप प्लेटफॉर्म है जिसकी स्थापना 2022 में शांतनु नायडू ने वरिष्ठ नागरिकों को सहयोग प्रदान करने के लिए की। 

रतन टाटा ने इस संस्था के एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि गुडफेलो (गुडफेलोज) द्वारा बनाई गई दो पीढ़ियों के बीच के बंधन बहुत सार्थक हैं

गुडफेलो कैसा स्टार्टअप है ? ‘गुडफेलो’ स्टार्टअप शांतनु नायडू ने द्वारा शुरू किया गया है। वो कहते हैं कि ये स्टार्टअप बाकि स्टार्टअप से कई मायनों में अलग है और इसका उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है।

स्टार्टअप के लॉन्च के दौरान, इसमें निवेश करने वाले रत्न टाटा ने कहा, ” आपको तब तक अकेलापन महसूस नहीं होता है

जब तक आप अकेले नहीं रहते और आपको एक कंपनियनशिप की जरूरत होती है।” इस स्टार्टअप का पहला चरण पुणे में सफल रहा है।